Stories

Story – संत-संगती

एक गांव में कृष्णा बाई नाम की बुढ़िया रहती थी। वह भगवान श्रीकृष्ण की परमभक्त थी। कृष्णा बाई का वास्तविक नाम सुखिया था, पर कृष्ण भक्ति के कारण इनका नाम गांव वालों ने कृष्णा बाई रख दिया। घर-घर में झाड़ू, पोछा, बर्तन और खाना बनाना ही इनका काम था। कृष्णा बाई रोज फूलों का माला […]

Story – कोल्हू का बैल

एक तेली अपने कोल्हू के पास सो रहा था। उसका बैल कोल्हू खींच रहा था। उधर से एक दार्शनिक गुजरा। उसने तेली को जगाकर अपने बारे में बताया और बोला कि इस बैल की आंखों पर तुमने पट्टी क्यों बांधी हुई है। तेली ने उसे बताया कि पट्टी न हो तो वह समझ जाएगा कि

Story – सच्ची योद्धा

एक दिन, एक प्रतिष्ठित कंपनी में साक्षात्कार चल रहा था। बॉस, रोहित, ने सामने बैठी महिला, पूजा, से सीधा सवाल किया, – “आप इस नौकरी के लिए कितनी तनख्वाह की उम्मीद रखती हैं?” पूजा ने आत्मविश्वास से कहा, “कम से कम 90,000 रुपये।” रोहित ने उसकी ओर ध्यान से देखा और मुस्कुराते हुए पूछा, “क्या आपको

Story – कृष्णा-सुभद्रा संवाद

महाभारत युद्ध में अभिमन्यु की मृत्यु के बाद कृष्णा-सुभद्रा संवाद के कुछ अंश प्रस्तुत कर रहा हूँ… ‘जब वह मेरा था ही नहीं तो उसके चले जाने पर मेरा मन दुखी क्यों है?’ सुभद्रा बोली, ‘जहाँ दुख है, वहाँ कुछ दोष भी है ही।’ “ठीक कह रही हो। जहाँ दुख है, वहाँ दोष भी है।”

Story – परफेक्ट जोड़ी

अंशु मुंबई जानेवाली बस में चढ़ी और अपनी सीट के ऊपर सामान रख, आंख मूंदकर बैठ गई। मस्तिष्क में बारंबार बीते कुछ दिनों के वे दृश्य घूम रहे थे, जिनसे पीछा छुड़ा वह मुंबई भाग रही थी। यश की हर बात पर लापरवाही और उसकी हर लापरवाही पर अंशु का इरिटेट होना… यश को अक्सर

Story – माँ का फोन

मीटिंग के बीच में जब टेबल पर पड़ा फोन वाइब्रेट हुआ तो पूरे हॉल को पता चल गया की किसी का फोन आया है। बड़े पोस्ट पर विद्यमान अधिकारी नें अपनी तरफ से बड़ी विनम्रता से कहा की फोन को साइलेंट करके बैठे प्लीज। दीपक नें जल्दी से फोन को उठा कर काट दिया, देखा

Story – गर्म दूध

“मैम आप अपना आर्डर लिखवा दीजिए….” महिला कॉलेज के ठीक सामने उस रेस्टोरेंट में अन्य सभी मेजो से आर्डर लेने के बाद वह बैरा पलक की मेज के सामने खड़ा था। सावन के पहली सोमवार की पूजा करने में मां को देर हो जाने की वजह से कॉलेज बिना लंच लिए आ गई बीएससी फर्स्ट

Story – श्री राम की महिमा

श्री अयोध्या जी में ‘कनक भवन’ एवं ‘हनुमानगढ़ी’ के बीच में एक आश्रम है जिसे ‘बड़ी जगह’ अथवा ‘दशरथ महल’ के नाम से जाना जाता है। काफी पहले वहाँ एक सन्त रहा करते थे जिनका नाम था श्री रामप्रसाद जी। उस समय अयोध्या जी में इतनी भीड़ भाड़ नहीं होती थी, ज्यादा लोग नहीं आते

Story – पेइंग गेस्ट

वो चुपचाप पढ़ता रहता है, ज्यादा बातें नहीं करता। आगे का छोटा कमरा दे रखा है हमने। सुबह का नाश्ता कर के जाता है, फिर कॉलेज और ट्यूशन करके एक ही बार शाम में आता है। रात का खाना भी हम देते हैं, यही तय हुआ था हमारे बीच। कल अपनी मां से बातें कर

Story – अच्छा चोर

एक नगर में एक सेठ और एक गरीब का घर पास-पास में थे। सेठ को कभी मलाल न होता था कि एक गरीब उसका पड़ोसी है। गरीब की बेटी, जिसका नाम रुक्मणि था, सयानी हो चुकी थी। एक रोज़ गरीब ने सेठ से कुछ धन उधार माँगा था ताकि सयानी हुई बेटी के हाथ पीले

Story – बाँझ माँ

कॉलबेल की आवाज़ सुनकर जैसे ही सुबह सुबह शांतनु ने दरवाजा खोला सामने एक पुराना से ब्रीफकेस लिए गांव के मास्टर जी और उनकी बीमार पत्नी खड़ी थीं। मास्टर जी को चेहरे के हाव भाव से पता लग गया कि उन्हें सामने देख शांतनु को जरा भी खुशी का अहसास न हुआ है। जबरदस्ती चेहरे

Story – पिता की ममता

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया …इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं, आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा … जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है … आज

Story – ईश्वर

एक दिन सुबह सुबह दरवाजे की घंटी बजी । दरवाजा खोला तो देखा एक आकर्षक कद- काठी का व्यक्ति चेहरे पे प्यारी सी मुस्कान लिए खड़ा हैं । मैंने कहा, “जी कहिए…” तो उसने कहा – “अच्छा जी, आप तो रोज़ हमारी ही गुहार लगाते थे”, मैंने कहा – “माफ कीजिये, भाई साहब ! मैंने पहचाना

Story – जलेबियां

बारात को समय था और मेरे मेहमान शादी की तैयारियां देखकर खुश हो रहे थे. “वाह! एक अध्यापक भी इतने ठाट-बाट से तीन बेटियों का ब्याह कर सकता है भला! आप पर भगवान की बड़ी कृपा है दयालजी!” मेरे स्कूल की एक आध्यापिकाजी ने मुझसे कहा. “सही बात कह रही हैं मैडम आप! दयालजी का

Story – धर्म

‘मां, सब्जी में नमक कम है।’ –  चूल्हे के पास बैठा छोटू पहला निवाला मुंह में रखते हुए बोला। “अभी दे रही हूं” – मां ने नमक के डिब्बे की तरफ हाथ बढ़ाया तो छोटू ने अपना हाथ आगे कर दिया। “हाथ में नहीं दूंगी” –  मां ने थाली में नमक रखते हुए कहा। “हाथ

Story – खोए वाली लस्सी

“सुनो, ये आदमी इतनी देर से क्यों बैठा है. उसका ऑर्डर जल्दी पूरा करो.” रेस्टोरेंट मालिक विनोद केसरवानी ने अनमने भाव से उस अधेड़ उम्र के आदमी की ओर इशारा किया, जो काफ़ी देर से कुर्सी पर बैठा इधर से उधर ताक रहा था. “सर, दो बार पूछ चुका हूं, पर हर बार रुकने का

Story – श्रीमती अलादीन का चिराग

जूठे बरतनों के ढेर से घबराकर एक भारतीय पत्नी बुदबुदाते हुए बोली-  “हे ईश्वर! यह अलादिन का जादुई चिराग हमेशा पुरुषों को ही क्यूं मिलता है……..महिलाओं को क्यों नहीं मिलता”? “ये तुम्हारा कैसा अत्याचार है महिलाओं के प्रति….” “आज अगर मेरे पास भी कोई अल्लादीन जैसा जिन्न होता तो वो हर दिन मेरा हाथ बंटा

Story – सगी माँ

आठ साल से कम उम्र के एक बच्चे की माँ मर गई. उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली.एक दिन उसके पिता ने अपने बेटे से पूछा – “तुम्हारी पुरानी माँ और तुम्हारी नई माँ में क्या अंतर है?” छोटे लड़के ने मासूमियत से जवाब दिया: मेरी असली माँ मुझसे झूठ बोला करती थी, लेकिन

Story – कर्ज वाली बहू

एक 15 साल के लड़के ने अपने पापा से कहा – “पापा-पापा, दीदी के होने वाले ससुर और सास कल आ रहे है अभी जीजाजी ने फोन पर बताया।” दीदी मतलब उसकी बड़ी बहन की सगाई कुछ दिन पहले एक अच्छे घर में तय हुई थी। दीनदयाल जी पहले से ही उदास बैठे थे धीरे

Story – बाल्टी भर कूड़ा

एक व्यक्ति ने एक नया मकान खरीदा! उसमें एक फलों का बगीचा भी था, उसके पड़ोस का घर पुराना था और उसमें कई लोग भी रहते थे। कुछ दिन बाद उसने देखा कि पड़ोस के घर से किसी ने बाल्टी भर कूड़ा, उसके घर के दरवाजे के सामने डाल दिया है। शाम को उस व्यक्ति

Story – हृदय में क्षमा

एक सेठ जी ने अपने छोटे भाई को तीन लाख रूपये व्यापार के लिये दिये। उसका व्यापार बहुत अच्छा जम गया, लेकिन उसने रूपये बड़े भाई को वापस नहीं लौटाये। आखिर दोनों में झगड़ा हो गया। झगड़ा भी इस सीमा तक बढ़ गया कि दोनों का एक दूसरे के यहाँ आना जाना बिल्कुल बंद हो

Story – उपभोगवाद — 3

अपनी बीवी के साथ एक ब्यूटी पार्लर गया। मेरी बीवी को हेयर ट्रीटमेंट कराना था, क्योंकी उनके बाल काफी खराब हो रहे थे। रिसेप्शन में बैठी लड़की ने उन्हें कई पैकेज बताये और उनके फायदे भी।  पैकेज 1200 ₹ से लेकर 3000 ₹ तक थे। कुछ डिस्काउंट के बाद मेरी बीवी को उन्होंने 3000 ₹

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Story – उपभोगवाद — 2

माँ का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा हुआ था, सो सवेरे — सवेरे उन्हें लेकर उनके पुराने डॉक्टर के पास गया। क्लिनिक से बाहर उनके गार्डन का नज़ारा दिख रहा था, जहां डॉक्टर साहब योग और व्यायाम कर रहे थे। मुझे करीब 45 मिनिट इंतज़ार करना पड़ा। कुछ देर में डॉक्टर साहब अपना नींबू पानी लेकर क्लिनिक

Story – फूफाजी

ब्याव के जीमण में फूफाजी ने अफवाह उड़ा दी — “काजू कतली थोड़ी कम पड़ती दिख रही है” फिर क्या?  सब कतली पर टूट पड़े, जो कभी काजू कतली नही खाते, वो भी दो चार पीस खा गए। दो कतली खाने वाले ने एक साथ छ -सात उठाये, शायद दुबारा मिले न मिले। और तो और 400

Story – उपभोगवाद — 1

कहानी -१ सर में भयंकर दर्द था सो अपने परिचित केमिस्ट की दुकान से सर दर्द की गोली लेने रुका। दुकान पर नौकर था। उसने मुझे गोली का पत्ता दिया, तो उससे मैंने पूछा — “गोयल साहब कहाँ गए हैं” उसने कहा साहब के सर में दर्द था, सो सामने वाली दुकान में कॉफी पीने

Story – कर्मा बाई का खिचड़ी भोग

श्रीकृष्ण की परम उपासक कर्मा बाई जी जगन्नाथ पुरी में रहती थी और भगवान को बचपन से ही पुत्र रुप में भजती थीं । ठाकुर जी के बाल रुप से वह रोज ऐसे बातें करतीं जैसे ठाकुर जी उनके पुत्र हों और उनके घर में ही वास करते हों। एक दिन कर्मा बाई की इच्छा

Story – श्रीकृष्ण की माया

सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा कान्हा, “मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूं… कैसी होती है?” श्री कृष्ण ने टालना चाहा, लेकिन सुदामा की जिद पर श्री कृष्ण ने कहा, “अच्छा, कभी वक्त आएगा तो बताऊंगा।” एक दिन कृष्ण कहने लगे — “सुदामा, आओ, गोमती में स्नान करने चलें।” दोनों गोमती के

Story – मां की सहेली

रात में नींद नहीं आ रही थी। मां ने मुझे एक कहानी सुनाई। मां की भी मेरी तरह सहेलियां थीं, वो भी खेलने जाती थी। शाम को उनको भी नानी की डांट पड़ती थी। वो बिल्कुल मेरे जैसी ही थी। जब मैंने मां से पूछा कि अब कहां गईं वो सहेलियां तो मां ने कहा

Story – चपरासी

तक़रीबन 26 साल नौकरी करने के बाद सुरेश बाबू इसी महीने रिटायर होने वाले थे । वे एक प्राइवेट कंपनी में आदेशपाल (चपरासी) के पद पर कार्यरत थे। एक तरफ़ जहाँ सुरेश जी को इस बात का सुकून था कि चलो अब तो एक खड़ूस, बत्तमीज औऱ क्रूर बॉस से छुटकारा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर

Story – नवाब

एक पति-पत्नी में तकरार हो गयी, पति कह रहा था — “मैं नवाब हूँ इस शहर का, लोग इसलिए मेरी इज्जत करते है और तुम्हारी इज्जत मेरी वजह से है।” पत्नी कह रही थी — “आपकी इज्जत मेरी वजह से है। मैं चाहूँ तो आपकी इज्जत एक मिनट में बिगाड़ भी सकती हूँ और बना

Story – लस्सी

एक दूकान पर लस्सी का ऑर्डर देकर हम सब दोस्त- आराम से बैठकर एक दूसरे की खिंचाई और हंसी-मजाक में लगे ही थे की लगभग 70–75 साल की बुजुर्ग स्त्री पैसे मांगते हुए हमारे सामने हाथ फैलाकर खड़ी हो गई। उनकी कमर झुकी हुई थी, चेहरे की झुर्रियों में भूख तैर रही थी। नेत्र भीतर

Story – प्रॉपर चैनल

एक सरकारी अध्यापक थे। उनकी पत्नी बीमार थी औऱ अस्पताल में भर्ती थी। तभी अचानक उनके तबादले का ऑर्डर हो गया। गनीमत शिक्षा विभाग के बड़े साहब उसी मुहल्ले में रहते थे। उसका बंगला मास्टर के घर से दिखता था। वह जब उनके बंगले के सामने से निकलते तो अध्यापक जी उन्हें सादर ‘ नमस्ते’

Story – बिन गुरु ज्ञान कहां

एक शिष्य थे। उनका मन कभी भी भगवान की साधना में नही लगता था। साधना करने की इच्छा भी मन मे थी। वे गुरु के पास गये और कहा कि गुरुदेव मन लगता नहीं और साधना करने का मन होता है । कोई ऐसी साधना बताएं जो मन भी लगे और साधना भी हो जाये।

Story – पूर्वाग्रह

आज कांति जी बहुत खुश थीं, पूरे 6 महीने बाद बेटा — बहू से मिलने जा रही थी। नई नवेली बहू निर्मला, नौकरी के चक्कर में 4 दिन भी सास के साथ न रह सकी थी।शादी के तुरन्त बाद चली आई थी पति धीमेश के साथ उज्जैन। कांति जी ने ट्रेन से उतरते ही टैक्सी

Story – मेरे हिस्से का इतवार

वह धीरे से बिना आहट के घर में घुसा तो देखता है पत्नी उसके “रास्ते में हूँ, बस पहुँचा” वाली बात को सच मान कर तीसरी बार खाना गरम कर इंतज़ार करते करते सो चुकी थी। सीने पर डायरी औंधी पड़ी थी…कुछ पढ़ रही थी शायद…पलट कर देखा तो नज़र सबसे पहले शीर्षक पर पड़ी

Story – बड़ी बहू

“मुझे नहीं पता, समीर की प्रिंसिपल ने मुझे क्यों बुलाया है! बस स्कूल से फोन आया था, विशाल भी जा रहे हैं साथ में” “अच्छा जल्दी होकर आओ। गीता का फोन आया था कि बड़ी भाभी को जल्दी भेज देना, कथा का प्रसाद बना देंगी, और अटैची भी नहीं लगाई तुमने, सोमवार को मिर्ज़ापुर निकलना

Story – माँ का झूठ

“नानी, मैं एक कुल्फी और ले लूं,प्लीज़…” चीकू ने फ्रिज खोलते हुए पूछा। “चीकू, तुम खा चुके हो ना?… ग़लत बात, वो कुल्फी नानी की है… हटो वहां से…” मैंने अपने छह साल के बेटे को आंखें तरेरीं, लेकिन तब तक चीकू की नानी, कुल्फी उसके हवाले कर चुकी थीं। “क्या मां, मैं ख़ास आपके

Story – माँ का आशीर्वाद

दुकान बंद करने का समय हो आया था। तभी दो औरतें और आ गईं। “भैया साड़ियां दिखा देना कॉटन की, चुनरी प्रिंट में” आज मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है। आज पाँच महीने हो गए हैं, अपनी ये छोटी सी दुकान खोले। आज से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। आज सुबह से दस पंद्रह कस्टमर

Story – सम्मान

ट्रेन से उतरकर मैने और दादी ने गाँव की बस पकड़ी। बस भी गाँव के अंदर तक कहाँ जाती थी, गांव तक पक्की सड़क ना होने के कारण हम दोनो को गाँव से करीब छ: किलोमीटर की दूरी पर ही उतार दिया। सड़क के किनारे बिसना बैल गाड़ी लिये खड़ा हुआ था।उसने दादी के पैर

Story – हमारे कर्म

चार महीने बीत चुके थे, बल्कि 10 दिन ऊपर हो गए थे, किंतु बड़े भइया की ओर से अभी तक कोई ख़बर नहीं आई थी कि वह पापा को लेने कब आएंगे. यह कोई पहली बार नहीं था कि बड़े भइया ने ऐसा किया हो. हर बार उनका ऐसा ही रवैया रहता है. जब भी

Story – नींद की गोलियाँ

नींद की गोलियों की आदी हो चुकी बूढ़ी माँ, नींद की गोली के लिए ज़िद कर रही थी। बेटे की कुछ समय पहले शादी हुई थी। बहु डॉक्टर थी। बहु सास को नींद की दवा की लत के नुक्सान के बारे में बताते हुए उन्हें गोली नहीं देने पर अड़ी थी। जब बात नहीं बनी

Story – काँच और हीरा

एक राजा का दरबार लगा हुआ था, क्योंकि सर्दी का दिन था इसलिये राजा का दरवार खुले मे लगा हुआ था। पूरी आम सभा सुबह की धूप मे बैठी थी। महाराज के सिंहासन के सामने, एक शाही मेज थी और उस पर कुछ कीमती चीजें रखी थीं। पंडित लोग, मंत्री और दीवान आदि सभी दरबार

Story – ईश्वर की लीला

वो बूढ़ी भिखारन आज फिर बीमार है। कल किसी ने बासी पूरियां खाने को दीं तो उसने जिह्वा के आधीन हो, चारों पूरियां गटक लीं। आज सुबह से बार बार पेट की पीड़ा उसे व्याकुल कर दे रही है। काश कहीं से बस दो केले मिल जाते तो उसका पेट और पीड़ा दोनों झट से

Story – मूल्यवान सबक

एक दिन दोपहर को एक दोस्त के साथ सब्जी बाज़ार टहलने गया। अचानक फटे कपड़ों में एक बूढ़ा आदमी हाथ में हरी सब्जियों का थैलियां लेकर हमारे पास आया। उस दिन सब्जियों की बिक्री बहुत कम थी, पत्ते निर्जलित और पीले रंग के लग रहे थे और उनमें छेद हो गए थे जैसे कि कीड़ों

Story – वो डिब्बा

चिलचिलाती ज्येष्ठ की दोपहरी हो या सावन की घनघोर बारिश हो, सरला अपने बेटे आलेख की स्कूल बस के इन्तजार में समय से पहले बस स्टॉप पे आकर खड़ी हो जाती थी। पल्लू से पसीना पोछती या फिर बारिश की बूंदे हटाते हुए वो बार बार सड़क में दूर तक निगाह दौड़ाती रहती। बस स्टॉप

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Story – लक्ष्मी के पग

रात के पौने 8 बजे का समय रहा होगा। एक लड़का एक जूतों की दुकान में आता है, गांव का रहने वाला था, पर तेज़ था। उसका बोलने का लहज़ा गांव वालों की तरह का था, परन्तु बहुत ठहरा हुआ लग रहा था। लगभग 22 वर्ष का रहा होगा । दुकानदार की पहली नज़र उसके

Story – श्रेष्ठ नागरिक

एक फटी धोती और फटी कमीज पहने एक व्यक्ति अपनी 15–16 साल की बेटी के साथ एक बड़े होटल में पहुंचा। उन दोंनो को कुर्सी पर बैठा देख एक वेटर ने उनके सामने दो गिलास साफ ठंडे पानी के रख दिए और पूछा — “आपके लिए क्या लाना है?” उस व्यक्ति ने कहा — “मैंने

Story – सबसे अनमोल

अशोक जी अपनी पत्नी के साथ अपनी रिटायर्ड जिंदगी बहुत हँसी खुशी गुजा़र रहे थे। उनके तीनों बेटे अलग अलग शहरों में अपने अपने परिवारों के साथ थे। उन्होनें नियम बना रखा था….दीपावली पर तीनों बेटे सपरिवार उनके पास आते थे…वो एक सप्ताह कैसे मस्ती में बीत जाता था…कुछ पता ही नही चलता था। कैसे

Story – बैटर ऑप्शन

नौकरी संबंधित कार्य से लगभग हर रोज दिल्ली जाना होता है। वापसी पर मुरथल के एक ढाबे पर रात्रिभोज हेतु रुकता हूं। खाने का मेन्यू सेट है — हाफ दाल, 3 रोटी, 1 प्लेट सलाद, 2 कटोरी सफेद मक्खन,……..और आखिर में खीर। लगभग हर रोज एक व्यक्ति मेरी टेबल पर आता है। मैं उसे वही

Story – पिताजी

रवि ऑफिस से आते ही सीधे कमरे की तरफ़ चला गया। बैठक में बैठे पिता, जिनकी आंखें उसके आने के समय बाहर टिक जाती थीं, उसके आते ही निश्चिंत हो कमरे में चले जाते। ये उनका रोज़ का नियम है। आज ही नहीं उसके बचपन से। 5…10…15 मिनट ऊपर होते ही उनकी बेचैनी शब्दों में

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