एक दिन, एक प्रतिष्ठित कंपनी में साक्षात्कार चल रहा था।
बॉस, रोहित, ने सामने बैठी महिला, पूजा, से सीधा सवाल किया, – “आप इस नौकरी के लिए कितनी तनख्वाह की उम्मीद रखती हैं?”
पूजा ने आत्मविश्वास से कहा, “कम से कम 90,000 रुपये।”
रोहित ने उसकी ओर ध्यान से देखा और मुस्कुराते हुए पूछा, “क्या आपको किसी खेल में रुचि है?”
पूजा ने तुरंत जवाब दिया, “जी, मुझे शतरंज बहुत पसंद है।”
रोहित ने रुचि दिखाते हुए कहा, “अच्छा! शतरंज तो वाकई दिलचस्प खेल है। बताइए, आपको शतरंज का कौन सा मोहरा सबसे ज्यादा पसंद है और क्यों?”
पूजा ने मुस्कुराकर कहा, “मुझे वज़ीर सबसे ज्यादा पसंद है।”
रोहित ने आश्चर्य से पूछा, “क्यों? जबकि घोड़े की चाल सबसे अनोखी और अप्रत्याशित होती है।”
पूजा ने गंभीरता से जवाब दिया, “घोड़े की चाल वाकई अनोखी होती है, लेकिन वज़ीर में हर मोहरे की शक्ति और समझ का समावेश है। वह राजा की हर दिशा से रक्षा करता है, कभी सिपाही की तरह एक कदम चलता है, तो कभी तिरछे चलकर शत्रु को चौंका देता है। उसकी यही बहुमुखी प्रतिभा मुझे प्रभावित करती है।”
रोहित, उसकी बातों से प्रभावित होते हुए, मुस्कुराया और पूछा, “बहुत बढ़िया! लेकिन राजा के बारे में आपका क्या कहना है?”
पूजा ने बिना समय गंवाए उत्तर दिया, “राजा तो शतरंज का सबसे कमजोर मोहरा है। वह खुद को बचाने के लिए सिर्फ एक ही कदम बढ़ा सकता है। उसकी रक्षा का भार हमेशा वज़ीर और अन्य मोहरों पर होता है।”
रोहित ने और भी उत्सुकता से पूछा, “तो फिर आप खुद को इनमें से किस मोहरे जैसा मानती हैं?”
पूजा ने बिना झिझके उत्तर दिया, “राजा।”
रोहित चौंक गया और पूछा, “लेकिन आपने अभी-अभी कहा कि राजा कमजोर और सीमित है। फिर आप खुद को राजा क्यों मानती हैं?”
पूजा ने गहरी सांस ली, हल्की मुस्कान के साथ कहा, “जी हाँ, मैं राजा हूँ। क्योंकि मेरा वज़ीर, जो मेरा पति था, हमेशा मेरी रक्षा करता था। हर मुश्किल में मेरा साथ देता था, मुझे हर समस्या से बचाता था। लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं है।”
यह सुनकर रोहित अवाक रह गया। थोड़ी देर की खामोशी के बाद उसने गंभीरता से पूछा, “तो आप यह नौकरी क्यों करना चाहती हैं?”
पूजा की आँखें नम हो गईं। उसने अपने स्वर को संभालते हुए कहा, “क्योंकि अब मुझे अपने बच्चों और अपने जीवन की जिम्मेदारी खुद उठानी है। अब मुझे खुद वज़ीर बनकर हर चुनौती का सामना करना होगा।”
पूजा की बातों ने कमरे में सन्नाटा भर दिया। रोहित ने तालियाँ बजाते हुए कहा, “बहुत बढ़िया, पूजा जी। आप सच्ची योद्धा हैं। यह नौकरी आपकी है।”
सीख और प्रेरणा: यह कहानी उन सभी महिलाओं की मिसाल है, जो जीवन की कठिनाइयों से कभी हार नहीं मानतीं। यह दिखाती है कि बेटियों को अच्छी शिक्षा और परवरिश देना क्यों जरूरी है। एक सशक्त महिला वह होती है, जो न केवल अपने परिवार की देखभाल करती है, बल्कि मुश्किल वक्त में परिवार की ढाल बन जाती है।
स्रोत: एक मित्र