Story – बहन — एक एहसास

आज उसका आखिरी दिन है घर में। यकीन नही हो रहा, कल चली जाएगी वो हम सभी को छोडकर एक नए घर,नई दुनिया में…

मगर कल से मेरे बिखरे कपडे कौन अलमारी मे सहेज कर रखेगा।
मेरे हिस्से की लिम्का, मेरे हिस्से की चॉकलेट, कौन मुझसे झगडेगा।
रोज कालेज से आने पर छुपके से बैग चैंकिग।
किसी लडकी का फोन आना मेरे फोन पर, “अभी बताती हूं मम्मी को” … कौन दौड़कर जाएगा।

“क्या करेगा बॉडी बनाकर, तुझसे नही पटेगी कोई”, कहकर कौन चिढाऐगा।
“मै हूं मम्मी पापा की सगी बेटी तुझे तो कचरे के डिब्बे से उठाकर लाऐ थे”, कहकर घर को कौन कुरक्षेत्र बनाऐगा।
है बिल्कुल पतली मगर मोटी ढोलक कहकर अब किसे चिढाऊंगा।
“टाइट जींस है”, “वो मेरी शर्ट है”, कहकर किसे पहनने से रोकूंगा।
उसका नई नई डिशेज बनाकर खिलाना और उसकी बनाई रोटियो को इंडिया पाकिस्तान का नकशा कहकर अब किसका मजाक बनाऊंगा।

दरवाजा बंद कर दे, पानी ला दे, प्रोजेक्ट फाइल ला दे,
मैगी बना दूं अपने भैया राजा को कौन कहेगा।
पापा तक बडे प्यार से मकखन लगाकर मेरी फरमाइश, (बाइक, जींस, चैन ) पूरी कौन करवायेगा।
मम्मी से गुस्सा होने पर मम्मी को मेरा प्वाइंट आफ व्यू कौन समझायेगा।

अब चार्जर पर लडाई करने वाली नही होगी,
मेहमानों के जाने के बाद समोसे ब्रेड पकौडे पर लडाई करने वाली नही होगी,
अब पापा से खुद बात करनी पडेगी, मम्मी संग शापिंग को जाना होगा, और हाँ उस बहन से मिलने के लिए उसके हाथों की गंदी चाय पीने के लिए भैयादूज या रक्षाबंधन का इंतजार करना होगा।

अजीब होती है ना ये बहने जब घर मे अपने पास होती है तो जल्दी शादी करके इसे ससुराल भेजो…और जब चली जाती है तो एक कभी ना भरनेवाला खालीपन दे जाती है जो उसके भाई उसके दोस्त उसके हमराज जैसा होता है ….

दोस्तों — यही है प्यार और गहराई वाला एक रिश्ता भाई बहन का…..Happy Raksha bandhan

 

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