Story – निर्णय

“अम्मा का तीसरा महीना पूरा हो गया, अब इन्हें बड़े भैया के यहाँ छोड़ आओ।” “क्यों?… अगर यहीं बनी रहें तो क्या होगा?” “होगा क्या… देख तो रहे हो, सुबह से कितनी बेगार लगी रहती है। मैं तो बंधुआ सी हो गई हूँ!” “बेगार…? मैं कहीं नहीं जा रहा उन्हें छोड़ने। इस उम्र में कहाँ […]